खराब मौसम की वजह से स्काईरूट का पहला रॉकेट प्रक्षेपण 18 नवंबर तक टाला गया

नई दिल्ली, 13 नवंबर । हैदराबाद स्थित अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने रविवार को कहा कि खराब मौसम की वजह से भारत के पहले निजी तौर पर विकसित रॉकेट विक्रम-एस का उप-कक्षीय प्रक्षेपण तीन दिनों के लिए (18 नवंबर तक) स्थगित हो गया है।

खराब मौसम की वजह से स्काईरूट का पहला रॉकेट प्रक्षेपण 18 नवंबर तक टाला गया

नई दिल्ली, 13 नवंबर हैदराबाद स्थित अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने रविवार


को कहा कि खराब मौसम की वजह से भारत के पहले निजी तौर पर विकसित रॉकेट विक्रम-एस का
उप-कक्षीय प्रक्षेपण तीन दिनों के लिए (18 नवंबर तक) स्थगित हो गया है।


स्काईरूट एयरोस्पेस के प्रवक्ता ने कहा, “खराब मौसम के पूर्वानुमान के कारण, हमें श्रीहरिकोटा से
हमारे विक्रम-एस रॉकेट प्रक्षेपण के लिए 15-19 नवंबर तक एक नई विंडो दी गई है, जिसकी सबसे


संभावित तारीख 18 नवंबर को सुबह 11:30 बजे है।” प्रक्षेपण के लिए पहले 15 नवंबर की तारीख
निर्धारित की गयी थी।


स्काईरूट एयरोस्पेस का ‘प्रारम्भ’ नामक पहला मिशन दो भारतीय और एक विदेशी ग्राहकों के


अंतरिक्ष उपकरण (पेलोड) को ले जाएगा और श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
(इसरो) के प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपण को तैयार है।


इस मिशन को स्काईरूट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है, क्योंकि यह उन 80


प्रतिशत तकनीकों को मान्यता दिलाने में मदद करेगा, जिनका उपयोग विक्रम-1 कक्षीय वाहन में
किया जाएगा, जिसे अगले साल प्रक्षेपित करने की योजना है।


स्काईरूट के एक प्रवक्ता ने कहा, “जिस प्रमुख क्षेत्र की हम बारीकी से निगरानी करेंगे, वह हमारे
ठोस ईंधन वाले रॉकेट इंजन ;कलाम-; का प्रदर्शन होगा।”


चेन्नई स्थित एयरोस्पेस स्टार्टअप ‘स्पेसकिड्ज’ भारत, अमेरिका, सिंगापुर और इंडोनेशिया के छात्रों
द्वारा विकसित 2.5 किलोग्राम पेलोड;फन-सैट; प्रक्षेपित करेगा।

इस मिशन के साथ स्काईरूट अंतरिक्ष में रॉकेट प्रक्षेपित करने वाली भारत की पहली निजी अंतरिक्ष


कंपनी बनने को तैयार है। इससे अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होगी। निजी क्षेत्र की
भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए इसे 2020 में खोला गया था।


स्काईरूट के प्रक्षेपण वाहनों को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक और प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम
साराभाई को श्रद्धांजलि के तौर पर 'विक्रम' नाम दिया गया है।