पदम श्री लौटने वालों पर हो कार्यवाही

पदम श्री लौटने वालों पर हो कार्यवाही

पदम श्री लौटने वालों पर हो कार्यवाही
पदम श्री लौटने वालों पर हो कार्यवाही
पद्मश्री, पद्मभूषण, और पद्मविभूषण सम्मान भारत सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए दिए जाते हैं। यह सम्मान उन व्यक्तियों को प्राप्त होता है जिनका कार्य और योगदान समाज और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण होता है।  देश के सम्मान का प्रतीक सम्मान को लौटाने वाले लोगों पर तिवारी तौर पर कार्रवाई की जानी चाहिए सम्मान को वापस करना देश का अपमान है और देश को अपमानित करने वालों को कभी माफ नहीं करना चाहिए इन आयोग के लोगों ने या तो शासन सत्ता के बल पर देश का यह सम्मान प्राप्त किया या गलती से यह उसके उत्तराधिकारी ही नहीं थे वास्तव में यह सम्मान वापस करने वालों का अपमान नहीं है देश और देश की डेढ़ सौ करोड़ जनता का अपमान है और देश की जनता और देश का अपमान करने का अधिकार इन कुछ लोगों को आखिर दिया किसने 
पद्मश्री, पद्मभूषण, और पद्मविभूषण सम्मान का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि इससे समाज में कुछ ऐसे व्यक्तियों को पहचाना जाता है, जिनका समाज में महत्वपूर्ण योगदान होता है। 
हालांकि, कुछ समय से इस सम्मान को लेकर कुछ विवाद भी हो रहे हैं, कुछ लोगों का मानना है कि कुछ अपराधी, गुंडे, और अनैतिक व्यक्तियों को भी इस सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है, जिससे समाज में गलत प्रेरणा प्राप्त होती है। 
लेकिन, हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि समाज में हमेशा से ही समर्थन की मांग होती है, कि समाज में सुधार हो, और समाज में सकारात्मक परिवर्तन हो। 
इसलिए, हमें समाज में सकारात्मक परिवर्तन की प्रेरणा प्रदान करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करना चाहिए, जो समाज में सुधार के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
समस्या के समाधान के लिए, हमें समाज में सुधार की प्रेरणा प्रदान करने वाले, सकारात्मक परिवर्तन की प्रेरणा प्रदान करने वाले, और समाज में सक्रियता प्रोत्साहित करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करना चाहिए।
पद्म श्री भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है, जिसे भारत सरकार द्वारा कला, साहित्य, शिक्षा, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। हालाँकि यह वास्तव में एक प्रतिष्ठित उपाधि है, इसका वास्तविक मूल्य महज मान्यता से परे है। यहां कुछ पहलू दिए गए हैं जो केवल एक उपाधि होने से परे पद्म श्री के महत्व को उजागर करते हैं:
1. सेवा की मान्यता: पद्मश्री समाज में किसी व्यक्ति के महत्वपूर्ण योगदान की मान्यता है। यह उनके संबंधित क्षेत्रों के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा और समर्पण को स्वीकार करता है, जिससे समुदाय पर उनके प्रयासों और प्रभाव का सम्मान होता है।
2. दूसरों के लिए प्रेरणा: पद्म श्री प्राप्तकर्ता दूसरों के लिए रोल मॉडल और प्रेरणा के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। उनकी उपलब्धियाँ और मान्यता दूसरों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित कर सकती है।
3. जिम्मेदारी और जवाबदेही: पद्मश्री को धारण करना उन मूल्यों को बनाए रखने के प्रति जिम्मेदारी की भावना के साथ आता है जिनका वह प्रतिनिधित्व करता है। प्राप्तकर्ताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे अपना अनुकरणीय कार्य जारी रखें और समाज की बेहतरी में योगदान दें।
4. संस्कृति और परंपरा का संरक्षण: कई पद्म श्री पुरस्कार विजेता ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक कला और स्वदेशी ज्ञान प्रणालियों को संरक्षित और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी मान्यता देश की पहचान के इन अमूल्य पहलुओं को सुरक्षित रखने में मदद करती है।
5. राष्ट्रीय गौरव और एकता: पद्मश्री विभिन्न पृष्ठभूमि और क्षेत्रों के व्यक्तियों को सम्मानित करके भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि का जश्न मनाता है। यह देश भर से उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देकर राष्ट्रीय गौरव और एकता की भावना को बढ़ावा देता है।
6. विरासत और प्रभाव: पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं की विरासत उनके जीवनकाल से आगे तक फैली हुई है। उनका कार्य और प्रभाव भावी पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा, समाज पर अमिट छाप छोड़ेगा और देश की प्रगति में योगदान देगा।
अंत में, पद्म श्री का असली मूल्य सेवा, प्रेरणा, जिम्मेदारी, सांस्कृतिक संरक्षण, राष्ट्रीय गौरव और स्थायी प्रभाव के प्रतिनिधित्व में निहित है। यह केवल एक उपाधि नहीं है बल्कि सम्मान, उत्कृष्टता और समाज की बेहतरी के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
पद्म श्री भारत में एक अत्यधिक प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान है, और इसके महत्व को समझना इसके भौतिक मूल्य से परे है। यहां कुछ प्रमुख पहलू दिए गए हैं जो पद्मश्री के महत्व पर प्रकाश डालते हैं:
1. असाधारण योगदान को मान्यता: पद्म श्री उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और सामाजिक कार्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है। यह विशेषज्ञता के संबंधित क्षेत्रों में उनके असाधारण कार्य और समर्पण की मान्यता के रूप में कार्य करता है।
2. राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक: यह पुरस्कार प्राप्तकर्ता के योगदान की राष्ट्र की स्वीकृति और सराहना का प्रतीक है। यह भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और बौद्धिक समृद्धि को दर्शाता है, देश के भीतर मौजूद विविधता और प्रतिभा का जश्न मनाता है।
3. दूसरों के लिए प्रेरणा: पद्म श्री पुरस्कार विजेता अक्सर दूसरों के लिए रोल मॉडल और प्रेरणा के स्रोत के रूप में काम करते हैं, खासकर अपने संबंधित क्षेत्रों में इच्छुक व्यक्तियों के लिए। उनकी उपलब्धियाँ दूसरों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और समाज में सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं।
4. सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण: पद्म श्री के कई प्राप्तकर्ता कलाकार, शिल्पकार और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए समर्पित व्यक्ति हैं। उन्हें सम्मानित करके, यह पुरस्कार पारंपरिक कलाओं और सांस्कृतिक प्रथाओं की सुरक्षा के महत्व को पहचानता है।
5. परोपकार और सामाजिक सेवा को प्रोत्साहन: पद्म श्री अक्सर उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने सामाजिक सेवा और परोपकार के प्रति असाधारण प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। यह दूसरों को समाज को वापस लौटाने और दूसरों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के समान कार्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है।
6. नैतिक मूल्यों का प्रतीक: पुरस्कार विजेताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे नैतिक मूल्यों को बनाए रखें और समाज में आगे योगदान करें, जिससे नैतिक आचरण और सामाजिक जिम्मेदारी के संदर्भ में दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया जा सके।
7. विरासत और प्रभाव: पद्मश्री से जुड़ी मान्यता पुरस्कार विजेताओं के लिए एक स्थायी विरासत बनाती है। उनका कार्य और प्रभाव भावी पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा और राष्ट्र के समग्र विकास और प्रगति में योगदान देगा।
अंत में, पद्मश्री मान्यता, प्रेरणा, सांस्कृतिक संरक्षण, नैतिक मूल्यों और राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में अत्यधिक महत्व रखता है। इसका मूल्य असाधारण योगदान को स्वीकार करने और पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में सेवा करने में निहित है।
भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, पद्म श्री का महत्व भौतिक मूल्य से कहीं अधिक है। हालाँकि शीर्षक स्वयं प्रतिष्ठित है, इसका वास्तविक मूल्य इसके द्वारा प्रस्तुत अमूर्त पहलुओं में निहित है। यहां कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे पद्मश्री भौतिक मूल्य से आगे निकल जाता है:
1. सेवा और उत्कृष्टता की मान्यता: पद्मश्री किसी व्यक्ति की समाज में असाधारण सेवा और योगदान के लिए मान्यता का प्रतीक है। यह उनके निस्वार्थ समर्पण, प्रतिभा और समुदाय पर प्रभाव को स्वीकार करता है, किसी भौतिक लाभ के बजाय उनके काम के आंतरिक मूल्य पर जोर देता है।
2. सांस्कृतिक और कलात्मक संरक्षण: कई पद्म श्री पुरस्कार विजेता कलाकार, विद्वान और भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक कलाओं के संरक्षण के लिए समर्पित व्यक्ति हैं। उनकी मान्यता मौद्रिक पुरस्कारों से परे है, जो देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और प्रचार के महत्व को दर्शाती है।
3. प्रेरणा और भूमिका मॉडलिंग: पद्म श्री प्राप्तकर्ता दूसरों के लिए, विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। उनकी उपलब्धियाँ और मान्यता लोगों को उनकी उपलब्धियों के गैर-भौतिक प्रभाव पर जोर देते हुए, अपने संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करती है।
4. जिम्मेदारी और नैतिक मूल्य: पद्म श्री को धारण करना नैतिक मूल्यों को बनाए रखने और समाज में आगे योगदान करने के प्रति जिम्मेदारी की भावना के साथ आता है। यह किसी भी भौतिक लाभ से परे, शीर्षक के नैतिक और नैतिक महत्व पर प्रकाश डालता है।
5. राष्ट्रीय गौरव और एकता: पद्मश्री विभिन्न पृष्ठभूमि और क्षेत्रों के व्यक्तियों को सम्मानित करके विविधता और एकता का जश्न मनाता है। यह राष्ट्रीय गौरव और एकता की भावना को बढ़ावा देता है, किसी भी भौतिक विचार से परे पुरस्कार के सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व पर जोर देता है।
6. विरासत और प्रभाव: पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं की विरासत भौतिक संपत्ति से कहीं आगे तक फैली हुई है। उनका कार्य और प्रभाव समाज पर अमिट छाप छोड़ता है, भावी पीढ़ियों को प्रेरित करता है और देश की प्रगति और विकास में योगदान देता है।
संक्षेप में, पद्म श्री का असली मूल्य सेवा, उत्कृष्टता, सांस्कृतिक संरक्षण, प्रेरणा, जिम्मेदारी, नैतिक मूल्यों, राष्ट्रीय गौरव और स्थायी प्रभाव के प्रतिनिधित्व में निहित है। यह मात्र भौतिक लाभ से परे, मानवीय उपलब्धि और समाज में योगदान के आंतरिक मूल्य का प्रतीक है।
पद्मश्री वास्तव में सम्मान और जिम्मेदारी का प्रतीक है। यह समाज में किसी व्यक्ति के असाधारण योगदान की मान्यता और सराहना का प्रतीक है, और यह उन मूल्यों और आदर्शों को कायम रखने की जिम्मेदारी के साथ आता है जिनके कारण पुरस्कार मिला। यहां कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं जो पद्मश्री को सम्मान और जिम्मेदारी के प्रतीक के रूप में उजागर करते हैं:
1. उत्कृष्टता की मान्यता: पद्म श्री एक प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान है जो उन व्यक्तियों को मान्यता देता है जिन्होंने अपने संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, चाहे वह कला, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक कार्य या सार्वजनिक सेवा हो। यह समाज में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और योगदान की स्वीकृति का प्रतीक है।
2. नैतिक मूल्यों को बनाए रखने की जिम्मेदारी: पद्म श्री प्राप्तकर्ताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे नैतिक मूल्यों को बनाए रखें और दूसरों के लिए रोल मॉडल के रूप में काम करें। उन्हें समाज में सकारात्मक योगदान जारी रखने और अपने कार्यों और आचरण से दूसरों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
3. सामाजिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता: कई पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं को सामाजिक कल्याण, परोपकार और सामुदायिक सेवा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पहचाना जाता है। यह पुरस्कार समाज को लाभ पहुंचाने वाली और दूसरों की भलाई को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में संलग्न रहने की जिम्मेदारी का प्रतीक है।
4. सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण: कलाकारों, शिल्पकारों और भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए समर्पित व्यक्तियों के लिए, पद्म श्री भावी पीढ़ियों के लिए पारंपरिक कलाओं और सांस्कृतिक प्रथाओं को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने की जिम्मेदारी का प्रतिनिधित्व करता है।
5. प्रेरणादायक नेतृत्व: पुरस्कार विजेताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता जारी रखते हुए प्रेरणादायक नेतृत्व का प्रदर्शन करें और दूसरों को उत्कृष्टता हासिल करने और अपने समुदायों और राष्ट्र के लिए सार्थक योगदान देने के लिए प्रेरित करें।
6. राष्ट्रीय गौरव के प्रति प्रतिबद्धता: पद्म श्री राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के रूप में कार्य करता है, और प्राप्तकर्ता सम्मान और सम्मान के साथ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, बौद्धिक और सामाजिक विविधता का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी लेते हैं।
संक्षेप में, पद्म श्री केवल एक प्रशंसा नहीं है; यह सम्मान और जिम्मेदारी का प्रतीक है। प्राप्तकर्ताओं को नैतिक आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने, अपने अनुकरणीय कार्य जारी रखने और अपने कार्यों के माध्यम से दूसरों को प्रेरित करने का कर्तव्य सौंपा गया है, जिससे समाज की बेहतरी में योगदान दिया जा सके और राष्ट्र के मूल्यों को बनाए रखा जा सके।
यह पुरस्कार देने से पहले अच्छी तरह से टटोल लेना चाहिए और उसको यह कह भी देना चाहिए कि पुरस्कार वापस करने के समय पर आपको हर चीज उस दिन तक के नौकरी के पैसे नौकरी सम्मान और जो समान राशि है वह सारी वापस होगी और आगे से भी यह तय हो जाए कि उसको या उसके खानदान में किसी को चाहे कितनी भी उत्कृष्ट सेवा करें वह नहीं मानी जानी चाहिए और इसके साथ ही जब वह वापस कर रहा है तो उसकी पूरी तरह जांच होनी चाहिए अगर वह राजनीति से या किसी और वजह से प्रेरित है तो उसको दंड भी दिया जाना चाहिए