बरौला में शत्रु संपत्ति पर तारबंदी का विरोध

नोएडा, 18 नवंबर जिला प्रशासन ने बरौला में 200 करोड़ से अधिक की शत्रु संपत्ति (जमीन) पर तारबंदी शुरू कर दी है।

बरौला में शत्रु संपत्ति पर तारबंदी का विरोध

नोएडा, 18 नवंबर ( जिला प्रशासन ने बरौला में 200 करोड़ से अधिक की शत्रु संपत्ति
(जमीन) पर तारबंदी शुरू कर दी है।

दूसरी ओर, इस जमीन को खरीदने वाले लोग प्रशासन की
कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट में भी याचिका डाली है और अन्य अधिकारियों से भी


शिकायत कर रहे हैं। जिला प्रशासन का दावा है कि बरौला में 33 हजार वर्ग मीटर जमीन शत्रु संपत्ति
की है, जिस पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। यह जमीन सरकारी रिकॉर्ड में शत्रु


संपत्ति के रूप में दर्ज है। जिस पर कब्जा लेकर जिला प्रशासन यहां पर तारबंदी करा रहा है और
तारबंदी के बाद जमीम को गृहमंत्रालय के सुपुर्द किया जाएगा। जमीन को खरीदने वाले लोग प्रशासन


की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। संजय दुबे, रोहित जाखड़ आदि की ओर से गुरुवार को इस मामले


में दावा किया गया कि इस जमीन का बैनामा विधिवत रूप से चार दशक पहले हो चुका है और
उन्होंने नियमों के तहत यह जमीन खरीदी थी। जिनसे उन्होंने जमीन खरीदी थी, वह कभी


पाकिस्तान नहीं गए और उनके परिवार के लोग ही पाकिस्तान गए थे। उन्होंने पूर्व में जिला प्रशासन
और अन्य सरकारी विभागों द्वारा जारी किए गए कागजात दिखाते हुए जिला प्रशासन की कार्रवाई


को गलत ठहराया है। जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में भी याचिका डाली है और अन्य अधिकारियों
से भी शिकायत कर रहे हैं। एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता ने इस मामले में अपनी कार्रवाई को सही


ठहराते हुए कहा कि जिला प्रशासन के रिकॉर्ड में यह जमीन शत्रु संपत्ति है, जिस पर से अवैध कब्जा
हर हाल में हटवाया जाएगा।

उन्होंने इस जमीन पर हुए बैनामों को भी गलत करार दिया।
जिला प्रशासन ने चेतावनी बोर्ड लगाया


जिला प्रशासन ने यहां एक चेतावनी बोर्ड भी लगाया है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि ये भूमि ग्राम
बरौला खसरा संख्या 781, 782, 783, 1131, 1132, 1133 और 1134 शत्रु संपत्ति है। यह


जमीन गृह मंत्रालय की है। इस पर किसी प्रकार का निर्माण किया जाता है जो निर्माणकर्ता पर
कार्रवाई की जाएगी।


इमारतों को ध्वस्त करने के लिए रिपोर्ट भेजी
एसडीएम दादरी ने बताया कि शत्रु संपत्ति की इस जमीन पर तीन बिल्डिंग, कुछ दुकानें, एक शॉपिंग


मॉल और बैंक्वेट हॉल अवैध रूप से बना है। इनके संबंध में प्राधिकरण उन्हें रिपोर्ट दे चुका है कि
इसमें से किसी का भी नक्शा स्वीकृत नहीं है और यह अवैध रूप से बनी हैं। इन इमारतों को ध्वस्त


करने के लिए प्राधिकरण को पत्र लिखा जा चुका है और अब उनका ध्वस्तीकरण प्राधिकरण करेगा।

क्या होती है शत्रु संपत्ति
आजादी के दौरान बंटवारे में हिन्दुस्तान से, जो लोग पाकिस्तान चले गए, उनकी भारत में रही


भूसंपत्ति को, शत्रु संपत्ति कहा जाता है। इस संपत्ति का मालिक गृह मंत्रालय होता है। ये संपत्ति


सरकारी कार्य में और पाकिस्तान में अपनी संपत्ति छोड़ कर भारत आए हिंदुओं में आवंटित करने के
लिए इस्तेमाल में लाई जाती है।