राष्ट्रपति मुर्मू ने मातृभाषा में पढ़ायी की वकालत की

नई दिल्ली, 05 सितंबर (। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि अगर विज्ञान, साहित्य और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई मातृ भाषा में करायी जाए तो इन क्षेत्रों में प्रतिभाएं और निखर कर सामने आएंगी।

राष्ट्रपति मुर्मू ने मातृभाषा में पढ़ायी की वकालत की

नई दिल्ली, 05 सितंबर  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि अगर विज्ञान,
साहित्य और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई मातृ भाषा में करायी जाए तो इन क्षेत्रों में प्रतिभाएं और


निखर कर सामने आएंगी। वह राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रही थीं, जहां


उन्होंने अपने स्कूली शिक्षकों के योगदान के याद किया जिनकी वजह से वह कॉलेज जाने वाली अपने
गांव की पहली लड़की बनी थीं।


उन्होंने कहा, ‘‘अगर विज्ञान, साहित्य और सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई मातृ भाषा में करायी जाए तो
इन क्षेत्रों में प्रतिभाएं और निखर कर सामने आएंगी।’’ राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि भारत की


स्कूली शिक्षा दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणालियों में से एक है। उन्होंने 46 चुनिंदा शिक्षकों को
स्कूली शिक्षा में उनके विशिष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, 2022 से सम्मानित किया।


शिक्षा मंत्रालय देश के उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए हर साल पांच सितंबर को शिक्षक


दिवस पर विज्ञान भवन में एक समारोह का आयोजन करता है। इन शिक्षकों को कड़ी पारदर्शी और
तीन स्तरीय ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के जरिए चुना जाता है।