गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही को दिये जाँच के आदेश

लखनऊ, 13 जून गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही के चलते डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को जांच के आदेश जारी कर दिये हैं।

गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही को दिये जाँच के आदेश

लखनऊ,  गर्भवती महिला के इलाज में लापरवाही के चलते डिप्टी सीएम ब्रजेश
पाठक ने मंगलवार को जांच के आदेश जारी कर दिये हैं। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान


के शहीद पद स्थित मातृ एवं शिशु रेफरल हॉस्पिटल में गर्भवती के इलाज में गंभीर लापरवाही के आरोप
लगे हैं। पीड़ित परिवार ने डिप्टी सीएम से शिकायत की है। डिप्टी सीएम ने प्रकरण को गंभीरता से लिया


है। घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। मामला बीते रविवार को जानकीपुरम निवासी 25 वर्षीय गर्भवती
महिला को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हुई।


परिजन गर्भवती को लेकर लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में पहुँचे। परिजन का आरोप है कि इमरजेंसी में
दो घंटे तक किसी भी डॉक्टर ने मरीज को नहीं देखा गया। गर्भवती को भीषण दर्द और रक्तस्राव से


कराह रही थी। कई बार डॉक्टरों से फरियादी की सुनवाई नहीं हुई। काफी देर बाद डॉक्टर आईं। जाँच के
बाद मिसकैरेज की जानकारी दी। पीड़िता का आरोप हैं कि बिना बेहोश किये, इलाज किया गया। ऐसी


दशा में मरीज दर्द से कराह रही थीं। लेबर रूम में गंदगी थी। इसके अलावा डॉक्टर भी समय पर राउंड
नहीं ले रही थी।

गड़बड़ियों से दुखी परिजन ने मरीज की छुट्टी करा ली। परिजनों ने डिप्टी सीएम से
शिकायत की।


जिस पर डिप्टी सीएम के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने संस्थान
की निदेशक से रिर्पोट तलब किया है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि गर्भवती के इलाज में लापरवाही व


अव्यवस्था की जाँच होगी। एक सप्ताह में जाँच पूरी कर रिपोर्ट दें। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की
जायेगी। इसके अलावा फतेहपुर में प्रांशी अस्पताल के अवैध रूप से संचालन की सूचना सोशल मीडिया में


वायरल हुई। डिप्टी सीएम ने प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जाँच के आदेश दिए हैं। ब्रजेश पाठक ने कहा
कि सीएमओ मामले की जाँच करेंगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर जाकर अस्पताल के पंजीकरण


समेत दूसरे कागजात देखें। मानकों को परखे। अवैध पाए जाने पर अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध


नियमानुसार कठोर कार्रवाई के निर्देश दे दिये हैं। सीएमओ तीन दिन के भीतर जाँच पूरी करें। इसमें
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच की जाएगी।