ट्रांसजेंडर को पायलट लाइसेंस नहीं दिए जाने पर डीजीसीए ने जारी किया स्पष्टीकरण

नई दिल्ली, 13 जुलाई देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी की मेडिकल रिपोर्ट को लेकर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्पष्टीकरण जारी किया है। मीडिया रिपोर्टों में आरोप लगाया कि हैरी को

ट्रांसजेंडर को पायलट लाइसेंस नहीं दिए जाने पर डीजीसीए ने जारी किया स्पष्टीकरण

नई दिल्ली, 13 जुलाई देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी की मेडिकल रिपोर्ट को लेकर नागरिक
उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने स्पष्टीकरण जारी किया है।

मीडिया रिपोर्टों में आरोप लगाया कि हैरी को

हार्मोन थेरेपी के कारण अनफिट घोषित किया गया है।

जिसके चलते उन्हें स्टूडेंट पायलट का लाइसेंस नहीं दिया
गया।


डीजीसीए के ओर के जारी स्पष्टीकरण में बताया गया है कि हैरी को कभी भी लाइसेंस देने से इन्कार नहीं किया
गया। एविएशन वाचडाग ने बताया कि लाइसेंस प्राप्त करने में ट्रांसजेंडर लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बशर्ते कि


व्यक्ति ने विमान नियम, 1937 में निर्दिष्ट आयु, शैक्षिक योग्यता, चिकित्सा फिटनेस और अनुभव के प्रावधानों को
सुनिश्चित करे। उन्होंने बताया कि लाइसेंस हासिल करने के लिए मेडिकल फिटनेस एक अनिवार्य आवश्यकता है।


इसके लिए ट्रांसजेंडर कर्मियों को भी मेडिकल फिटनेस हासिल करनी होती है।


डीजीसीए ने साफ किया है कि अगर आवेदक में कोई प्रतिकूल लक्षण या प्रतिक्रिया नहीं है तो हार्मोनल रिप्लेसमेंट
थेरेपी कराने पर कोई आपत्ति नहीं है। हैरी के केस में मीडिया द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट


किया गया है कि डीजीसीए में ट्रांसजेंडर के मूल्यांकन की प्रक्रिया वही है जो फेडरल उड्डयन प्रशासन द्वारा अपनाई
जाती है। आगे उन्होंने बताया कि पायलट लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदक को पहले स्टूडेंट पायलट लाइसेंस


हासिल करना होता है जिसे हैरी ने नहीं लिया है। राजीव गांधी एकेडमी फार एविएशन टेक्नोलाजी ने बताया है कि
हैरी ने ग्राउंड क्लास में अपर्याप्त उपस्थिति दर्ज कराई है। जिसके चलते उसे स्टूडेंट पायलट लाइसेंस जारी नहीं


किया गया। अंत में बताया गया है कि हैरी को भारतीय वायु सेना के बोर्डिंग सेंटर से अपना मेडिकल फिटनेस फिर
से कराना है। जिसको लेकर उन्हें सूचित कर दिया गया है।